मन की फुहार....
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सोमवार, 2 सितंबर 2013
बुधवार, 6 फ़रवरी 2013
उपदेश और प्रभाव,
गीता में श्रीकृष्ण का
अर्जुन को उपदेश
आत्मा,अजर-अमर है-
प्राणी मरता नही है,केवल चोला बदलता है,
पुराने चोले को छोड़कर
नये चोले में प्रवेश करता है,
व्याख्यान सुनकर,
वाहन चालको ने
अर्जुन को उपदेश
आत्मा,अजर-अमर है-
प्राणी मरता नही है,केवल चोला बदलता है,
पुराने चोले को छोड़कर
नये चोले में प्रवेश करता है,
व्याख्यान सुनकर,
वाहन चालको ने
लापरवाही कर
दुर्घटनाओं की झड़ी लगा दी,
अभियोग लगने पर दलील दी-
हमने कोई जुर्म नही किया!
चोले बदलने की,
प्रक्रिया में मदद ही की....
दुर्घटनाओं की झड़ी लगा दी,
अभियोग लगने पर दलील दी-
हमने कोई जुर्म नही किया!
चोले बदलने की,
प्रक्रिया में मदद ही की....
धीरेन्द्र सिंह भदौरिया.....
मंगलवार, 21 अगस्त 2012
प्यार का सपना,,,,
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiWkhyphenhyphenpS234XUgYi-55C1hnPKTVooKp61aEbCsAEwIOKQISyvy5IGrHuahLeQN20fNWXuV1lp4bHoNUh8supvhz_3reCr4HkrXXT6waSNTxr8XXYjSdb-6nf3yTPwn1uYxDw1seZAe-YFMx/s400/Young-woman-sad-window-rain_dreamstime_l_10604020.jpg)
शाम होते उनका इन्तजार होता है
तकरार में भी उनका प्यार होता है
नीचे झुका लेते है हम अपनी नजरे,
सपने में जब उनका दीदार होता है
अश्क जब आते है उनकी आँखों में
नजारा बिलकुल झील जैसा होता है,
रख लेते जब उन्हें अपने दामन में
तो दामन सोने सा सुनहरा होता है,
माँझी की नही जरूरत होगी हमको
उनका साथही किनारे जैसा होता है,
शाहजहाँ-मुमताज ताज महल जैसा
चाँद-सितारों सा अपना प्यार होता है,
dheerendra bhadauriya,
सोमवार, 18 जून 2012
न जाने क्यों,,,,,
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhjhlj4RMmD_Y0aMFZGWgPFgGJjVAdnWADp5_Onr9jJsEAlfnzVvyetsfVirSSOodYJeDV9zK610abCqsVj-0KkHR9bnWAqnK0Saswax06ZGORwoPJLZ9XQ69oRRy1U_sas-Z2TD6GIwyuq/s400/Contemplation.jpg)
न जाने क्यों,
जानकर भी, कि
गुजर रहा हूँ,
अनजान राहों में मै!
न जाने क्यों-
खुद से अनजान
बन जाता हूँ,मै
सोचता हूँ कि-
एक अलग
पहचान बनाऊ
इस दुनिया में मै-
मगर,जब जाता हूँ
दुनिया की उस भीड़ में
न जाने क्यों-?
खुद अपनी पहचान.
भूल जाता हूँ मै!
dheerendra,"dheer"
शुक्रवार, 1 जून 2012
प्यार हो गया है ,,,,,,
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgvxa2Rw16iWowonKvSAt47inzVY9tA5lZlI6s6G4UzsDVg9ORMyy6-MCFnneF-YhPw26_7ojmrGaBJNGP7T-osW0m2VsisIlRbxNgd9M674kj5XmCgqD25zwKnX_GCAGX1PijhJYa9ktuR/s400/dream-girl.jpeg)
प्यार हो गया है,
देखा उनको तो खुद से एतबार खो गया है,
पहली नजर में ही उनसे प्यार हो गया है!
चुन्नी गले में लपेटे, मासूम सा चेहरा,
भोली सी चंचलता पे दिल निसार हो गया है!
तुम्हें देख कर ही जाना प्यार क्या है,
सूने दिल मे प्यार का विस्तार हो गया!
तुम्हे पता हो न हो मेरे हमदम,
तुम्हारी याद ही मेरा संसार हो गया है!
काश कह पाती मुझसे तू तेरा फैसला,
लेकिन अब तो धीर सिर्फ इन्तजार हो गया!
dheerendra,"dheer"
गुरुवार, 17 मई 2012
बदनसीबी,.....
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjxgzGkCb8dqQvRtdAa7YInoQWq7ihvfznvuZmkr45ekLsZ-Da7UXG6jOTOl6F9HDTVP-Kqon6xmL5ufh9cVXhiXEv_6IYI0GPedoqSTzejHIwpjrAhJ1bdU4mTbxSVHzvSoOvvOh9s5qnf/s400/said7.jpg)
बदनसीबी
मुझे जिन्दगी ने रुलाया बहुत है,
मेरे दोस्त ने आजमाया बहुत है!
कोई आ के देखे मेरे घर की रौनक,
मेरा घर गमो से सजाया बहुत है!
हटा लो ये आँचल मुझे भूल जाओ,
सर पे बदनसीबी का साया बहुत है!
घर तो क्या मै ये शहर छोड़ जाऊं,
अजीजो ने मुझको समझाया बहुत है!
बरकत बहुत दी है मुझको खुदा ने.
धीर ने खोयाहै कम,गम पाया बहुत है!
dheerendra,"dheer"
शुक्रवार, 4 मई 2012
प्रिया तुम चली आना.....
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg_YxqF1fD7-_EnYOgnVi5r4JomraZ_pojk2NxPfZD88ykrvK-gyu5a1VJAmFu9toyqlvUA0rTQBqNcXb8aD60izlcf40eXEPtATz_6uuFt2ChUKp5HdESRwRbQ12eFoCsNlT41UaRNkM8e/s400/images+%25281%2529.jpg)
प्रिया तुम चली आना
थक जाए जब नैन
तुम्हारी राह तकते तकते
निश दिन
पाए न चैन मनुवा
काहू ठौर पलछिन
सूना हो आँगन
सूनी हो गालियाँ
मुरझाई हो सब
आशा की कलियाँ
तब चली आना प्रिया तुम
ओढ़ धानी चुनर
नेह दर्पण में संवर
इठलाती, बलखाती
इन नैनों के द्वार,
DHEERENDRA,"dheer"
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