शुक्रवार, 2 दिसंबर 2011

दोस्ती......



दोस्ती

एहसास के दामन में आंसू गिराकर देखो.
दोस्ती कितनी सच्ची है आजमाकर देखो,
आपको भूलकर क्या होगी दिल कि हालात
किसी आईने पर पत्थर गिराकर देखो,
०००००००
हम नजरो से दूर है आखो से नहीं
हम ख्याबो से दूर है ख्यालो से नहीं,
हम दिल से दूर है,धडकन से नहीं
हम आप से दूर है आपकी यादो से नहीं,
०००००००
करीब से तुझे जाना तो अपना पाया
तुझे दोस्ती में आजमाया तो अपना पाया
तुझे क्या नाम दूं ये समझ नहीं आया
दोस्ती जिंदगी है या अपना साया,
०००००००
दोस्ती एक शब्द नहीं जो कहा जाए
रूह नहीं जो मिट जाए,
सफर नहीं जो मुकाम पाए
दोस्ती तो वो एहसास है,
जिसके लिए जिया जाए
तो जिंदगी भी कम पड़ जाए,
०००००००
दोस्ती और बारिश दोनों एक से होते है
वो हमेशा यादगार होते है,
फर्क सिर्फ इतना है कि
बारिश के साथ रहकर तन भीग जाता है,
और दोस्त से दूर रहकर आखे भीग जाती है,
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dheerendra..