शनिवार, 8 अक्तूबर 2011

एसएम्एस-शायरी.....

















एस.एम्.एस-शायरी....

अर्ज है
जो दिल में दर्द दे
उसे दिलदार कहते है
गौर फरमाइए
जो सर में दर्द दे
उसे सरदार कहते है|

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आप बड़े ग्रेट हो
रसगुल्ले की प्लेट हो
जलेबी की तरह स्ट्रेट हो
फोन करने में लेट हो
फिर भी हमारे फेवरेट हो,

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मच्छर और मक्खी की
हो गई शादी
पहली ही रात से
हो गयी मच्छर की बर्बादी
मच्छर कहता
मेरी तो किस्मत खोटी है
मक्खी रात को
ओडोमास लगा के सोती है,

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दिल न लगाना दर्द ही पाओगे
याद करके रोते ही जाओगे
करना ही है तो एसएम्एस करो
हमेसा उम्मीद से दुगना पाओगे

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तू भी किया कर शायरी
तेरा भी नाम हो जायेगा
लोग फेकेगें टमाटर और अंडे
सब्जी का काम हो जाएगा
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1 टिप्पणी:

  1. हिन्दी ब्लॉगजगत के स्नेही परिवार में इस नये ब्लॉग का और आपका मैं संजय भास्कर हार्दिक स्वागत करता हूँ.

    संजय कुमार
    आदत….मुस्कुराने की
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं