फागुन लहराया
अखियन में
फागुन लहराया!
शरमाई
फूलो में पंखुरियाँ
अलसाई
रतनारी आँखरियाँ!
अधरों पर
अनव्याहा छंद मुखर आया
चहक रही
तितली सी चितवन,
ठुमकी पायल
खनके कंगन!
भूला-सा एक नाम
सुधियों में आया!
अखियन में फागुन लहराया!
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----DHEERENDRA,"dheer"
वाकई!
जवाब देंहटाएंसब जगह फुहार ही फुहार हैं!
Holi Mubarak ho,
जवाब देंहटाएंbahut sunder prastuti
फागुन आने का अहसास हो गया आपकी यह रचना पढ़ कर..
जवाब देंहटाएंफागुन का पूरा अहसास समेटे हुए है आपकी रचना|
जवाब देंहटाएंबहुत आनंद आया
हमेशा की तरह एक बहुत उत्कृष्ट प्रस्तुति. .... >बहुत ही बढ़िया रचना!
जवाब देंहटाएंActive Life Blog
sunder prastuti
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुन्दर मधुर मृदुल सी रचना.
जवाब देंहटाएंफागुन का अहसास कराती हुई.
bahut sundar
जवाब देंहटाएंसुन्दर ,सुन्दर बहुत सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंआंचलिक शब्दों में फागुनी रंग बिखेरती खुबसूरत रचना,.................
जवाब देंहटाएंहोली मुबारक .अलसाई आँखें ......अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंभूला-सा एक नाम
सुधियों में आया!
अखियन में फागुन लहराया!
होली मुबारक .अलसाई आँखें ......अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंभूला-सा एक नाम
सुधियों में आया!
अखियन में फागुन लहराया!
बहुत बेहतरीन और सार्थक रचना,
जवाब देंहटाएंइंडिया दर्पण की ओर से होली की अग्रिम शुभकामनाएँ।